मेरी मां का डोला आया

By Naman Sharma

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मेरी माँ का डोला आया जय कारा हो पर गली-गली यह भजन भगवती माता को प्रस्तुत है जिसमें देवी की स्तुति की गई है ‌। जो आज भी बहुत ज्यादा ट्रेनिंग में चला हुआ है और हर गांव हर शहर में भक्ति स्वरूप उसे आज भी गाया जाता है ।

ऐसा कहा जाता है कि भगवती न केवल मंदिरों में रहती है बल्कि भक्तों के बीच में भी अपना स्थान बनाए रखती है एक वक्त मंदिर में जाकर देवी के दर्शन कर सकता है इसके अलावा भगवती भी लोगों के बीच में आती है जैसे कि उत्तरी भारत में और दक्षिणी भारत में एक परंपरा है कि भगवती नवरात्रों के दौरान लोगों के घरों में आती है और सभी लोग व्रत रखते हैं और पूरा आयोजन किया जाता है और मेले जैसा माहौल बना जाता है जिसमें देवी के पूजा पाठ से संबंधित सारे सभी कार्य किए जाते हैं जब भगवती आती है वह किसी सवारी पर आती है

जैसे कि भगवती की मूर्ति अगर आएगी तो वह गाड़ियों में आएगी और सभी को दर्शन देंगे तो इसी भाव को प्रस्तुत इसमें किया गया है कि मेरी मां का डोला आया इसमें मन से संबंधित भगवती से है और डोला का अर्थ सवारी से है और जब भगवती आती है तो उसके साथ में सांगते आती है ढोल नगाड़े और लोगों का शोर और एक व्यक्ति की ओर शेख अलग अनुभव प्राप्त होता है और जब भगवती के संग संगती ढोल नगाड़े संग ध्वनि अतिरिक्त वाद्य यंत्र आते हैं तो भगवती के जयकारे से पूरा शहर गूंज उठता है तो इसी भाव को इसी भजन में गायब है मेरी मां का डोला आया जयकारा होवे गली गली यह भजन जाकर उत्तराखंड के पहाड़ी रखो और हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में गया जाता है

meri maa ka dola aaya Lyrics in Hindi

मेरी मां का डोला आया
जयकारा बोलो गली गली

माँ आई आसन बैठ गई
मैने ऐसा ऐसे चरण धुलाये
देखो गंगा बह रही गलि गलि
मेरी मां का डोला आया

माँ आई आसन बैठ गई
मैने ऐसा हार पहनाया
फुलवारी हो गई गलि गलि
मेरी मां का डोला आया

माँ आई आसन बैठ गई
मैने ऐसा तिलक लगाया
रंगोली हो गई गलि गलि
मेरी मां का डोला आया

माँ आई आसन बैठ गई
मैने ऐसी जोत जगाई
उजियारा हो गया गलि गलि
मेरी मां का डोला आया

माँ आई आसन बैठ गई
मैने ऐसा भोग लगाया
भंडारा हो गया गलि गलि
मेरी मां का डोला आया

यह भजन भगत और और देवी के बीच में संवाद की तरह प्रस्तुत हो रहा है जैसे कि मेरी मां का डोला आया तो जब भगवती पालकी में विराजमान होकर आती है तो उनके साथ में सांगते जो आएगी वह चारों तरफ से भगवती जयकारों से पूरा शहर कुंज उठेगा और यानी की आवाज आवे गली-गली और जब भगवती आएगी तो उसे हम कहां पर बिठाएंगे ऐसा वक्त कह रहा है तो जब भागवत ही आएगी तो उसे हम सिंहासन रूपी आसान देंगे और जो की स्वर्ण निमृत चांदी और या यानी कि अर्थ धातु से भी बना हुआ हो सकता है उसे पर विराजमान होगी और और जब भगवती आएगी तो सबसे पहले भक्त क्या करेगा तो वक्त सबसे पहले भगवती की आरती उतरेगी उनके चरण धूल आएगा और इसी प्रकार के क्रियाकलाप करेगा जैसे की शास्त्रों में उल्लेख किए जाते हैं कि जब जिस प्रकार आपके घर में मेहमान पिया रात है उसी प्रकार से किया जाएगा ।

Meri maa ka dola aaya in eng

Meri maa ka dola aaya
Jaikara bolo gali gali

Maa aayi aasan baith gayi
Maine aisa aise charan dhulaye
Dekho Ganga beh rahi gali gali
Meri maa ka dola aaya…

Maa aayi aasan baith gayi
Maine aisa haar pehnaya
Phulwari ho gayi gali gali
Meri maa ka dola aaya…

Maa aayi aasan baith gayi
Maine aisa tilak lagaya
Rangoli ho gayi gali gali
Meri maa ka dola aaya…

Maa aayi aasan baith gayi
Maine aisi jot jagayi
Ujiyara ho gaya gali gali
Meri maa ka dola aaya…

Maa aayi aasan baith gayi
Maine aisa bhog lagaya
Bhandara ho gaya gali gali
Meri maa ka dola aaya…

जैसे कि मैं कहानी में कहा कि जब भगवती आती है तो वह सवारी पर सवार होकर आती है जैसा कि जब भगवती आती है तो भगवती की प्रतिमा आएगी या मूर्ति आएगी या कुछ और अंश प्रतीक स्वरूप में कुछ आएगा अगर भगवती की मूर्ति आएगी तो वह गाड़ी में विराजमान होकर आएगी अगर भगवती साक्षात आएगी तो वह अपने सवारी ऐसे किसी के ऊपर सवार होकर आएगी और अगर भगवती की जो पूजा परंपरा है वह मोहरी के रूप में भी तो देवी रथ में विराजमान हो की आएगी मतलब देवी की सवारी यह प्राचीन जो है

लोक परंपरा और लोक कथा के अनुसार अलग-अलग जगह अलग-अलग स्वरूप में लोगों के बीच में बनी हुई है तो उसी प्रकार से भगवती सभी को दर्शन देंगे जैसा कि हिमाचल प्रदेश में एक जगह है सुलानी तो वहां पर भगवती पालकी में विराजमान होकर अपने मोहरे यानी कि मुख जो सोने चांदी या अष्टधातु के बने होते हैं उसे सभी लोगों को दर्शन देंगे और सभी और भाव मुक्त हो जाएंगे सभी दर्शन होकर होकर भाव मुक्त हो जाते हैं यही परंपरा आपको जगन्नाथ जी की यात्रा में भी देखने को मिलती है जगन्नाथ जी की यात्रा भी बहुत जल्द आने वाली है और जिसमें जगन्नाथ जी की जो तीन पाल क्या होती है उसमें विराजमान होकर भक्तों कोदर्शन देंगे

How to sing this song harmonium lyrics

यह रहा भजन “मेरी मां का डोला आया” का हर्मोनियम लेरिक्स (Harmonium Lyrics in Hindi), जिसमें सुरों (सा रे गा मा) के साथ बोल दिए गए हैं। यह नोटेशन C स्केल (सफेद वाली ‘सा’ की स्केल) के अनुसार दिया गया है। आप अपनी आवाज़ के अनुसार स्केल ऊपर-नीचे कर सकते हैं।

🎵 मुखड़ा (Chorus)

सा सा सा  सा   रे   गा  मा  
मेरी मां का डोला आया  

सा सा   सा  सा   रे   गा   मा  
जयकारा बोलो गली गली

🎶 अंतरा 1

सा   सा   रे  रे   गा  गा   मा  
माँ आई आसन बैठ गई  

सा  रे   गा   मा   प   प  ध  
मैंने ऐसे चरण धुलाए  

ध ध   प   ध   नि  सा’ सा’  
देखो गंगा बह रही गली गली  

सा सा   सा   सा   रे   गा   मा  
मेरी मां का डोला आया

🎶 अंतरा 2

सा   सा   रे  रे   गा  गा   मा  
माँ आई आसन बैठ गई  

सा  रे   गा   मा   प   प   ध  
मैंने ऐसा हार पहनाया  

ध   ध  प   ध   नि   सा’ सा’  
फुलवारी हो गई गली गली  

सा सा   सा   सा   रे   गा   मा  
मेरी मां का डोला आया

🎶 अंतरा 3

सा   सा   रे  रे   गा  गा   मा  
माँ आई आसन बैठ गई  

सा  रे   गा   मा   प   प  ध  
मैंने ऐसा तिलक लगाया  

ध   ध  प   ध   नि   सा’ सा’  
रंगोली हो गई गली गली  

सा सा   सा   सा   रे   गा   मा  
मेरी मां का डोला आया

🎶 अंतरा 4

सा   सा   रे  रे   गा  गा   मा  
माँ आई आसन बैठ गई  

सा  रे   गा   मा   प   प  ध  
मैंने ऐसी जोत जगाई  

ध   ध  प   ध   नि   सा’ सा’  
उजियारा हो गया गली गली  

सा सा   सा   सा   रे   गा   मा  
मेरी मां का डोला आया

🎶 अंतरा 5

सा   सा   रे  रे   गा  गा   मा  
माँ आई आसन बैठ गई  

सा  रे   गा   मा   प   प  ध  
मैंने ऐसा भोग लगाया  

ध   ध  प   ध   नि   सा’ सा’  
भंडारा हो गया गली गली  

सा सा   सा   सा   रे   गा   मा  
मेरी मां का डोला आया

Conclusion

how you like that song