किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा

By Naman Sharma

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किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…” एक भावपूर्ण भजन है जो माँ भगवती की महिमा और उनके भक्तों की अनन्य श्रद्धा को सुंदर रूप में प्रस्तुत करता है। यह भजन माँ के दुपट्टे के रंग के माध्यम से उस दिव्य प्रेम, भक्ति और तपस्या की बात करता है जो भक्तों ने माँ को अर्पित किया है। हर पंक्ति में यह प्रश्न उभरता है — माँ का यह अलौकिक श्रृंगार किसने किया? और उत्तर में सामने आते हैं भगवान शंकर, श्रीराम, श्रीकृष्ण, नारद जैसे महान भक्त और देवता। यह भजन भक्त और देवी के गहरे संबंध की अनुभूति कराता है।

Kine rangeya dupatta maiya tera Lyrics in Hindi

किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
ओ मैया रानी किने रंगेया…
किने ला लया चौरासी वाला फेरा…
ओ मैया रानी किने रंगेया…
किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
ओ शेरांवाली किने रंगेया…

ये दुपट्टा तेरा शंकर जी ने रंगेया…
किने ला लया चौरासी वाला फेरा…
ओ मैया रानी किने रंगेया…
किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
ओ शेरांवाली किने रंगेया…

किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
ओ लाल रंग किने रंगेया…
किने ला लया चौरासी वाला फेरा..
ओ मैया रानी किने रंगेया

ये दुपट्टा तेरा राम जी ने रंगेया…4,
किने ला लया चौरासी वाला फेरा…
ओ लाल रंग किने रंगेया…
किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
ओ शेरांवाली किने रंगेया…

किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
ओ लाल रंग किने रंगेया…
किने ला लया चौरासी वाला फेरा..
ओ मैया रानी किने रंगेया…

ये दुपट्टा तेरा श्याम जी ने रंगेया…
किने ला लया चौरासी वाला फेरा…
ओ मैया रानी किने रंगेया…
किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
ओ शेरांवाली किने रंगेया…

किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
ओ लाल रंग किने रंगेया…
किने ला लया चौरासी वाला फेरा..
ओ मैया रानी किने रंगेया…

ये दुपट्टा तेरा नारद जी ने रंगेया…
किने ला लया चौरासी वाला फेरा…
ओ मैया रानी किने रंगेया…
किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
ओ शेरांवाली किने रंगेया…

किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
ओ लाल रंग किने रंगेया…
किने ला लया चौरासी वाला फेरा..
ओ शेरांवाली किने रंगेया…

Kine rangeya dupatta maiya tera Lyrics in English

Kine rangeya dupatta maiya tera…
O maiya rani kine rangeya…
Kine la laya chaurasi wala fera…
O maiya rani kine rangeya…
Kine rangeya dupatta maiya tera…
O sherawali kine rangeya…

Ye dupatta tera Shankar ji ne rangeya…
Kine la laya chaurasi wala fera…
O maiya rani kine rangeya…
Kine rangeya dupatta maiya tera…
O sherawali kine rangeya…

Kine rangeya dupatta maiya tera…
O lal rang kine rangeya…
Kine la laya chaurasi wala fera…
O maiya rani kine rangeya…

Ye dupatta tera Ram ji ne rangeya…
Kine la laya chaurasi wala fera…
O lal rang kine rangeya…
Kine rangeya dupatta maiya tera…
O sherawali kine rangeya…

Kine rangeya dupatta maiya tera…
O lal rang kine rangeya…
Kine la laya chaurasi wala fera…
O maiya rani kine rangeya…

Ye dupatta tera Shyam ji ne rangeya…
Kine la laya chaurasi wala fera…
O maiya rani kine rangeya…
Kine rangeya dupatta maiya tera…
O sherawali kine rangeya…

Kine rangeya dupatta maiya tera…
O lal rang kine rangeya…
Kine la laya chaurasi wala fera…
O maiya rani kine rangeya…

Ye dupatta tera Narad ji ne rangeya…
Kine la laya chaurasi wala fera…
O maiya rani kine rangeya…
Kine rangeya dupatta maiya tera…
O sherawali kine rangeya…

Kine rangeya dupatta maiya tera…
O lal rang kine rangeya…
Kine la laya chaurasi wala fera…
O sherawali kine rangeya…

Lyrics Explaination

किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
मां, तुम्हारा यह दुपट्टा किसने रंगा?

ओ मैया रानी किने रंगेया…
हे मैया रानी, बताओ इसे किसने रंगा?

किने ला लया चौरासी वाला फेरा…
किसने लिया 84 जन्मों का चक्कर पूरा करने का फेरा?

ओ मैया रानी किने रंगेया…
हे माँ रानी, ये रंग किसने चढ़ाया?

ये दुपट्टा तेरा शंकर जी ने रंगेया…
इस दुपट्टे को स्वयं भगवान शंकर जी ने रंगा है।

ओ शेरांवाली किने रंगेया…
हे शेरोंवाली माँ, तुम्हारा यह दुपट्टा किसने रंगा?

ओ लाल रंग किने रंगेया…
इस पर चढ़ा हुआ यह लाल रंग किसका है?

ये दुपट्टा तेरा राम जी ने रंगेया…
यह दुपट्टा भगवान श्रीराम ने अपने प्रेम और भक्ति से रंगा है।

ये दुपट्टा तेरा श्याम जी ने रंगेया…
यह दुपट्टा श्रीकृष्ण (श्याम जी) ने अपने प्रेमरंग से रँगा है।

ये दुपट्टा तेरा नारद जी ने रंगेया…
इस दुपट्टे को भक्त नारद जी ने रंगा है, भक्ति के स्वर में।

किने ला लया चौरासी वाला फेरा…
किसने छोड़े 84 लाख योनियों के चक्र और पहुँचा माँ के द्वार?

ओ शेरांवाली किने रंगेया…
हे शेरोंवाली माँ, बताओ तो सही, तुम्हें किसने यूँ सजाया?

ओ लाल रंग किने रंगेया…
इस लाल रंग की आभा किसकी भक्ति से चमकी?

किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…
हे माँ, तुम्हारा यह भक्ति-भरा दुपट्टा आखिर किसने सजाया?

ओ मैया रानी किने रंगेया…
हे मैया रानी, किस भक्त की श्रद्धा ने तुम्हें इतना सुंदर बना दिया?

Conclusion (निष्कर्ष):
इस भजन का सार यह है कि माँ का दिव्य रूप उनकी कृपा, भक्तों की निष्ठा और प्रेम से ही संवरता है। “किने रंगेया दुपट्टा मैया तेरा…” केवल एक गीत नहीं, बल्कि माँ के प्रति सच्ची भक्ति का प्रतीक है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि जब भक्ति सच्ची हो, तो वह स्वयं माँ के श्रृंगार में भी झलकती है। माँ को सजाने वाला कोई एक नहीं, बल्कि हर वह भक्त है जो सच्चे मन से उन्हें पुकारता है। यही माँ की भक्ति का सबसे सुंदर रंग है।