जय हो तेरी ज्वाला माई

By Naman Sharma

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“ऊंचे पर्वत से ज्योति लहराई…” एक शक्ति और श्रद्धा से भरा हुआ भजन है जो ज्वाला माँ की दिव्यता, महिमा और भक्तों के प्रति उनके करुणामय रूप को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करता है। इस भजन में माँ ज्वाला को पर्वतों पर स्थित दिव्य ज्योति के रूप में पूजा गया है — एक ऐसी शक्ति जो दूर-दूर तक अपने भक्तों को प्रकाश और आशीर्वाद प्रदान करती हैं। माँ के मंदिर में चढ़ने वाले भोग, बजती सीटी, चढ़ाई गई चिठ्ठियाँ और भक्तों की श्रद्धा का हर दृश्य माँ की भव्यता को दर्शाता है।

Jai ho teri jwala mai Lyrics In Hindi

ऊंचे पर्वत से ज्योति लहराई…
जय हो मेरी ज्वाला माई…

मन्दिर तेरे माँ पके पूरियां…
भगत तेरे माँ केहड़ी दूरियां…
इन्हा भगतां दे बेड़े देया पार लाई…
जय हो तेरी ज्वाला माई…

मन्दिर तेरे माँ लगी झंडियां…
भगत तेरे माँ रहन्दे मण्डिया…
इन्हा भगतां दे
बेड़े देया पार लाई…
जय हो तेरी ज्वाला माई…

मन्दिर तेरे माँ लगी सीटियां…
भगत तेरे माँ पढ़े चिठियाँ…
इन्हा भगतां दे बेड़े देया पार लाई…
जय हो तेरी ज्वाला माई…

मन्दिर तेरे माँ पके केले…
भगत तेरे माँ अलबेले…
इन्हा भगतां दे बेड़े देया पार लाई…
जय हो तेरी ज्वाला माई…

ऊंचे पर्वत से ज्योति लहराई…
जय हो मेरी ज्वाला माई…
लहर लहर ज्योति लहराई…
जय हो मेरी ज्वाला माई…

Jai ho teri jwala mai Lyrics In English

Unche parvat se jyoti lehraai…
Jai ho meri Jwala Mai…

Mandir tere maa pake pooriyaan…
Bhagat tere maa kehdi dooriyaan…
Inha bhagtaan de bede deya paar laii…
Jai ho teri Jwala Mai…

Mandir tere maa lagi jhandiyan…
Bhagat tere maa rahnde mandiyan…
Inha bhagtaan de
bede deya paar laii…
Jai ho teri Jwala Mai…

Mandir tere maa lagi seetiyan…
Bhagat tere maa padhe chithiyan…
Inha bhagtaan de bede deya paar laii…
Jai ho teri Jwala Mai…

Mandir tere maa pake kele…
Bhagat tere maa albelle…
Inha bhagtaan de bede deya paar laii…
Jai ho teri Jwala Mai…

Unche parvat se jyoti lehraai…
Jai ho meri Jwala Mai…
Lehar lehar jyoti lehraai…
Jai ho meri Jwala Mai…

Lyrics Explaination

ऊंचे पर्वत से ज्योति लहराई…
माँ की ज्योति ऊँचे पर्वतों से चारों ओर प्रकाश फैला रही है।

जय हो मेरी ज्वाला माई…
हे माँ ज्वाला, तुम्हारी जय हो! तुम्हारा तेज अमिट है।

मन्दिर तेरे माँ पके पूरियां…
माँ के मंदिर में प्रेम और श्रद्धा से पूरियाँ पकती हैं।

भगत तेरे माँ केहड़ी दूरियां…
माँ के भक्तों के लिए कोई दूरी मायने नहीं रखती।

इन्हा भगतां दे बेड़े देया पार लाई…
माँ ने अपने भक्तों की नैया पार लगाई है, सब संकट हर लिए।

जय हो तेरी ज्वाला माई…
हे माँ ज्वाला, तुम्हारी कृपा अपरंपार है, जय हो!

मन्दिर तेरे माँ लगी झंडियां…
तेरे मंदिर में आस्था की झंडियाँ फहर रही हैं।

भगत तेरे माँ रहन्दे मण्डिया…
माँ के भक्त उत्सव और मेले में मग्न रहते हैं।

इन्हा भगतां दे बेड़े देया पार लाई…
माँ ने अपने प्रेम से भक्तों के जीवन की नैया पार लगाई।

मन्दिर तेरे माँ लगी सीटियां…
तेरे मंदिर में भक्ति की सीटी गूंज रही है।

भगत तेरे माँ पढ़े चिठियाँ…
तेरे भक्त श्रद्धा से लिखी हुई चिठ्ठियाँ पढ़ते हैं।

इन्हा भगतां दे बेड़े देया पार लाई…
इन सभी भक्तों को माँ ने भवसागर से पार कर दिया।

मन्दिर तेरे माँ पके केले…
तेरे मंदिर में भोग के लिए केले पकते हैं।

भगत तेरे माँ अलबेले…
माँ के भक्त निराले और प्रेम से भरे होते हैं।

इन्हा भगतां दे बेड़े देया पार लाई…
माँ ने अपने हर भक्त को जीवन के दुखों से उबारा है।

लहर लहर ज्योति लहराई…
हर दिशा में माँ की ज्योति की लहर दौड़ रही है।

जय हो मेरी ज्वाला माई…
जय हो माँ ज्वाला, तू सदा भक्तों की रक्षा करे।

Conclusion (निष्कर्ष):

यह भजन हमें यह विश्वास देता है कि माँ ज्वाला केवल पर्वतों की ऊँचाई पर नहीं, बल्कि भक्तों के हृदय में भी विराजमान हैं। वे अपने सच्चे भक्तों के “बेड़े पार” लगाती हैं — जीवन की कठिनाइयों से उन्हें बाहर निकालती हैं। यह गीत माँ के चमत्कारी रूप की गाथा है, जो भक्तों को प्रेम, आश्रय और शक्ति देती हैं। “जय हो मेरी ज्वाला माई” का उद्घोष केवल शब्द नहीं, बल्कि एक आस्था है जो हर हृदय को माँ की भक्ति में रंग देता है।